ऐसे होते हैं पिता।
पिता का अपने
बच्चो की जिंदगी मे बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। फादर्स डे, हर साल जून के तीसरे रविवार को पिता के इस अमूल्य
योगदान को सम्मान देने के लिए, भारत समेत कई देशो में मनाया जाता है। फादर्स डे, सबसे पहले जून 19,
1910 वाशिंगटन में मनाया गया
था। हालाँकि इसे आधिकारिक मान्यता 1972 में यूनाइटेड स्टेट्स में छुट्टी की घोषणा के बाद मिल पाई थी।
वैसे तो एक पिता
को अपने बच्चों से कोई तोहफा नहीं चाहिए होता है, पर खुद बच्चोँ का फर्ज होता है
की वो इस दिन अपने पिता के लिए कुछ न कुछ करेँ। अच्छी जगह घूमने जाए उनके साथ। वैसे
आज के दौर में हर पिता सिर्फ इतना चाहता है, की उनका बच्चा कुछ बन कर दिखाए, कुछ
सफलता हासिल करे, यही उनके लिए सबसे बड़ा उपहार व ख़ुशी का दिन होगा।
पिता वो होतें हैं
जो हमारा हौसला बढ़ाते हैं, जब भी हम असफलता से हतास होते जाते हैं। हमारी हर ख़ुशी
को पूरा करते है, चाहे जैसे कभी सोचा है आपने ? बचपन से लेकर आजतक सारी ख्वाहिश पूरी करते आये हैं वो हैं पिता, मुख से निकली हर फरमाइश को पूरा करते हैं वो हैं पिता, पिता वो हैं जो हमारा साथ कभी नहीं छोड़ते, पिता वो हैं जो सिर्फ हमारी सिर्फ एक मुस्कान के लिए जीते हैं, पिता वो हैं जिन्हें खुद से ज्यादा हम पर भरोसा होता है।
"। ज़िम्मेदारी और संस्कारो का पाठ पढ़ते हैं वो हैं पिता।
इसलिए अपने पिता
को हमेशा खुश रखिये और ढेर सारा प्यार दीजिये
क्योंकि उन्होंने अपनी सारी
खुशियाँ कुरबान की हैं, अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए। इस काबिल बनाया की हम समाज में
सम्मान पाने लायक बन सके। उनकी जगह ज़िन्दगी में कोई नही ले
सकता।
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