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Showing posts from June, 2018

मीठे बोल, खुशहाल जिंदगी।

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बहुत से लोगो को मैंने रक्तदान करते हुए फोटो लेते देखा है, पर क्या कभी किसी ने सोचा है कि आपके चन्द मीठे बोल से भी किसी का रक्त बढ़ता है तो ये भी एक तरह का रक्तदान ही है। ऐसा करने से आपको समाज में सम्मान  मिलेगा जिससे मन को भी प्रसन्नता होगी, इसलिए हमेशा मीठा बोले और हस्ते मुस्कुराते रहें। #Reporter_S.P.Singh

चौथा 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' , "योग फोर पीस"।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चौथा   ' अंतरराष्ट्रीय योग दिवस '   के   उत्तराखंड की राजधानी देहरादून मे मनाया गया पीएम मोदी ने यहां मशहूर फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट यानी एफआरआई में करीब   50,000  लोगों के साथ कई तरह के योगासन किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,  राज्यपाल डॉक्टर के के पॉल ,  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ,  केंद्रीय आयुष मंत्री और उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत भी मौजूद रहे। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन एक थीम या स्लोगन जारी किया जाता है। जिसके माध्यम से लोगों को एक मैसेज दिया भेजने की कोशिश की जाती है। पिछले साल लोगों को अपनी फिटनेस के प्रति जागरूक करने के लिए   ‘ योग फॉर हेल्थ ’   का स्लोगन दिया गया था ,  लेकिन इस बार की थीम शांति को रखा गया है। इस बार की थीम   ‘ योगा फॉर पीस ’   रखी गई है।    21  जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बनाए जाने के पीछे वजह है ,  कि इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है।   21  जून का दिन पूरे वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।   इस दिन सूर्य धरती की दृष्टि से उत्तर से दक्षिण की ओर चलना शुरू करता है। यानी सूर्य जो

ऐसे होते हैं पिता।

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पिता का अपने बच्चो की जिंदगी मे बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है।   फादर्स डे, हर साल जून के तीसरे रविवार को पिता के इस अमूल्य योगदान को सम्मान देने के लिए, भारत समेत कई देशो में मनाया जाता है। फादर्स डे, सबसे पहले जून 19, 1910 वाशिंगटन में मनाया गया था । हालाँकि इसे आधिकारिक मान्यता 1972 में यूनाइटेड स्टेट्स में छुट्टी की घोषणा के बाद मिल पाई थी।   वैसे तो एक पिता को अपने बच्चों से कोई तोहफा नहीं चाहिए होता है, पर खुद बच्चोँ का फर्ज होता है की वो इस दिन अपने पिता के लिए कुछ न कुछ करेँ। अच्छी जगह घूमने जाए उनके साथ। वैसे आज के दौर में हर पिता सिर्फ इतना चाहता है, की उनका बच्चा कुछ बन कर दिखाए, कुछ सफलता हासिल करे, यही उनके लिए सबसे बड़ा उपहार व ख़ुशी का दिन होगा। पिता वो होतें हैं जो हमारा हौसला बढ़ाते हैं, जब भी हम असफलता से हतास होते जाते हैं। हमारी हर ख़ुशी को पूरा करते है, चाहे जैसे कभी सोचा है आपने ? बचपन से लेकर आजतक सारी ख्वाहिश पूरी करते आये हैं वो हैं पिता, मुख से निकली हर फरमाइश को पूरा करते हैं वो हैं पिता, पिता वो हैं जो हमारा साथ कभी नहीं छोड़ते, पिता वो हैं जो सिर

नही रहे सुजात बुखारी।

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कश्मीर के प्रसिद्य  पत्रकार, संपादक शुजात बुखारी की गुरुवार को श्रीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. वह प्रेस कॉलोनी स्थ‍ित अपने दफ्तर से एक इफ्तार पार्टी में शामिल होने जा रहे थे, तभी कुछ हमलावरों ने उन पर गोलियों की बरसात कर दी। आइए जानते हैं कि कौन थे शुजात बुखारी और कश्मीर के लिए उनका क्या योगदान था। वह श्रीनगर के अखबार राइजिंग कश्मीर के एडिटर-इन-चीफ थे। इन्होंने कशमीर टाइम्स से अपने जीवन की शुरुवात की थी। बाद में वे द हिन्दू से जुड़ गए। इस दौरान कई खबरों के चलते उन्हें राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली, यही नही वे 15 साल तक  द हिंदू अखबार  के कश्मीर ब्यूरो चीफ रहे। बुखारी कश्मीर में होने वाली हर घटना पर ग्राउंड रिपोर्ट करते थे। इसी वजह से वह आतंकियों के भी निशाने पर आ गए. वह कश्मीर घाटी की सबसे बड़ी और पुरानी साहित्य संस्था अदबी मरकज कामराज के अध्यक्ष थे। शुजात पर इसके पहले भी तीन बार हमला हो चुका था। साल 2000 में हुए एक हमले के बाद बुखारी को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। शुजात के अखबार राइजिंग कश्मीर को कई बार सरकार की तरफ से सेंसरशिप का सामना क

हैप्पी स्ट्रीट सीजन-2।

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हैप्पी स्ट्रीट सीजन-2 मरीन ड्राइव में संडेें सुबह 6 बजे नवभारत टाइम्स व टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित हुआ, जिसमें फिर से एक बार  सभी लोग अपनी सुबह को मस्ती भरी बनाने पहुचे, साथ ही साथ छोटे से लेकर बड़े सभी ने खूब मस्ती की और आउटडोर गेम्स में भी भाग लिया। डांस, जुम्बा ,योग जैसी चीज़े उनके स्वास्थ्य को ही नही ठीक करती हैं बल्कि उनके शरीर को भी चुस्त और दुरुस्त रखती हैं। ##Happy_street_season_2

वक्त लगता है....!!!!

पानी को बर्फ में बदलने में वक्त लगता है .... ढले हुए सूरज को निकलने में वक्त लगता है .... थोड़ा धीरज रख थोड़ा और जोर लगाता रह .... किस्मत के जंग लगे दरवाजे को खुलने में वक्त लगता है .... कुछ देर रुकने के बाद फिर से चल पड़ना दोस्त .... हर ठोकर के बाद संभलने में वक्त लगता है .... बिखरेगी फिर वही चमक तेरे वजूद से तू महसूस करना .... टूटे हुए मन को संवरने में थोड़ा वक्त लगता है .... जो तूने कहा कर दिखायेगा रख यकीन .... गरजे जब बादल तो बरसने में वक्त लगता है .... खुशी आ रही है,और आएगी ही इन्तजार कर .... जिद्दी दुख-दर्द को टलने में थोड़ा वक्त लगता है ॥

हैप्पी स्ट्रीट्स

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आज के टाइम्स ऑफ इण्डिया में।

हैप्पी स्ट्रीट में लगी मस्ती की क्लास।

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हैप्पी स्ट्रीटस में लगी मस्ती की क्लास। 3 जून 2018, संडे सुबह की मस्ती टाइम्स ऑफ इंडिया व नवभारत टाइम्स के साथ। हैप्पी स्ट्रीट का आयोजन नवभारत टाइम्स व टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे बड़े अखबारों द्वारा मरीन ड्राइव लखनऊ में संडे सुबह 6 बजे किया गया। इस कार्यक्रम में साइकिलिंग, स्केटिंग, योग, जुम्बा जैसे कई आउटडोर व इंडोर खेल कराये गए। कार्यक्रम की खास बात ये थी कि इसमे भाग लेने की कोई उम्र की बाधा नही थी। छोटे बच्चो से लेकर बड़े-बूढ़े तक सभी ने भाग लिया और खूब मस्ती की, प्रोग्राम हैप्पी स्ट्रीट के मुख्य अतिथि रहे भारतीय क्रिकेट टीम के होनहार गेंदबाज रुद्र प्रताप सिंह। ये प्रोग्राम लोगो का संडे स्पेशल व फन डे बनाने वाला था।