बहराइच में Modern Gurukul की हो चुकी है शुरुवात...आइए इसे सफल बनाएं...!!!



नमस्कार मित्रो, काफी समय बाद आज ब्लॉग लिख रहा हूं। ये आप सबको पता है कि मैं ब्लॉग तभी लिखता हूं जब किसी चीज से प्रभावित हूं। दो साल पहले जब कोरोना आया जिंदगी ने एक नया मोड़ ही ले लिया। 

कोरोना आने के बाद मैंने लखनऊ छोड़ा, हालांकि दुख हुआ क्योंकि मीडिया सेक्टर में बड़े बड़े न्यूज चैनल्स के साथ काम करने का लोग सपना देखते हैं और हमने तो खुद से त्याग किया। सिर्फ मीडिया ही नहीं सहारा जैसी बड़ी कंपनी के निजी स्कूल का प्रमोशनल हेड भी था। 

बहराइच वापसी के बाद जैसे-तैसे 1 साल बीता कुछ अच्छा ही नहीं लग रहा था पर कहते हैं ना जब जीवन में कुछ अच्छा होना होता है तो तकलीफ चरमसीमा पर रहती है। बात है फरवरी 2021 की मैं और मेरा अखबार सुबह सुबह एक साथ मौज कर रहे थे उसी बीच एक लीफलेट मेरे हाथ लगी। वो लीफलेट थी गुरुकुल पब्लिक स्कूल की जिसमें टीचर्स वेकैंसी निकली थी। मन में विचार आया कि अब मुझे वापस तो जाने नहीं दिया जाएगा क्यों न ट्राई किया जाए। हिम्मत बांधी और निकल पड़ा विद्यालय की ओर....!!!

मौके पर पहुंचने से पहले मेरे दिमाग में कौतुहल और मन में आम थे, लेकिन वहां पहुंचने पर पता चला कि वास्‍तव में क्‍या हो रहा है।

वहां पहुंचने पर पता चला की उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक खूबसूरत घटना चुपचाप घट रही है। यहां आधुनिक गुरुकुल की नींव कई सालों पहले पड़़ चुकी है और उसे अलग अंदाज में सफल बनाने का प्रयास हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं गुरुकुल के संस्थापक प्रबंधक राजदेव सिंह जी कर रहे हैं। 





गुरुकुल एकदम Modern School की तरह काम कर रहा है। साथ ही समाज में खत्म हो रही संस्कृति को बचाने का भी प्रयास कर रहा है। गुरुकुल Hostel/Day Scholar बच्चे अन्य स्कूल के बच्चों से कई गुना अधिक Talented हैं, फिर चाहे वो खेल कूद की बात हो या पढ़ाई की।

वहां प्रतिदिन व्यायाम, प्राणायाम, योगा, पूजा आदि के साथ साथ साप्ताहिक यज्ञ होते हैं। इतना सब कुछ देख कर मेरे मन में बस एक सवाल आया...की इतना सब वो भी कलयुगी दौर में...!!!

धीरे धीरे मैं भी गुरूकुल परिवार का हिस्सा बन गया। मैं non vegetarian था और आज एक साल हो गए ऐसी चीजों को हाथ तक नहीं लगाया। इसको कहते हैं गुरुकुल की शिक्षा। 

अब सवाल यह है कि मैं यह क्‍यों लिख रहा हूं? आज एक व्यक्ति से मुलाकात हुई मैंने गुरुकुल की चीज़ें बताई वो इतना खुश और प्रभावित हुए की अपनी बच्चे का admission गुरुकुल में कराना चाहते थे। बच्चा अपने मित्रों की झुंड में किसी अन्य विद्यालय में जाना चाहता था। उन्होंने उसे डांटते हुए बोला पढोगे तुम गुरुकुल में ही वरना घर बैठो। 




एक उनका जज्बा देखा और आश्चर्य हुआ कि आज भी भारत की धरती पर कुछ लोग अपनी संस्कृति को बचाना चाहते हैं। यहां तो कुछ माता पिता बच्चों के इशारे पर चलते हैं, बच्चा जो बोलता है जैसा बोलता है करते जाते हैं। उसके लिए अच्छा होगा या नहीं ये भी नहीं सोचते, अगर सोचते हैं तो बच्चा खाना नहीं खाता उसके बाद मानना पड़ता है।


क्या कभी आपने सोचा है कि आपका बच्चा ऐसा बर्ताव क्यों करता है? वो इसलिए कि बच्चों को आधे संस्कार स्कूलों से मिलते हैं और आपने ऐसे स्कूल कभी चुने नहीं और उनका कारण है आप बच्चों के हिसाब से चलते हैं। आज के दौर में हर बच्चे के हाथ में mobile phone है। क्या ये सब सही है..??


Missionary स्कूलों ने इस कदर कब्जा कर रखा है वो भी सिर्फ ये बता कर की वो english medium हैं। 

मैंने भी ऐसे english medium school से पढ़ाई की और मैं बुराई नहीं कर रहा लेकिन असल संस्कार और पढ़ाई क्या होती है... gurukul आकर ही पता चला।

यही सब देख करके English Medium Gurukul की स्थापना की गई है..!! जिसमें अन्य बड़े स्कूलों की भांति Facilities दी गयी हैं। इसलिए इसको मॉडर्न गुरुकुल कहा जाए तो गलत नहीं होगा।

इतना ही नहीं Gurukul ने खुद को digitally भी सबसे अधिक मजबूत कर लिया है।



अब समस्‍या यह है कि संस्‍कृति भ्रष्‍ट हो रही है, समस्‍या यह है कि शिक्षा व्‍यवस्‍था पंगु है, समस्‍या यह है कि परंपराएं खत्‍म हो रही है। इन सभी समस्याओं का समाधम श्री राजदेव सिंह जी ने गुरुकुल की स्थापना करके कर दी है। अपने बच्चे को गुरुकुल भेजिए वास्तव में शिक्षा और संस्कार क्या होते हैं इसका अनुभव आपको हो जाएगा।

गुरुकुल पूरे उत्तर प्रदेश में इकलौता ऐसा स्कूल है जो english medium होने के साथ-साथ अपने एक section में सिर्फ 15 बच्चे ही रखता है जिससे उनकी पढ़ाई अच्छे से हो सके और अध्यापक उन पर अच्छे से ध्यान दे सकें।

होस्टल में रहने वाला बच्चा सबसे तेज होता है क्योंकि वो 24 घंटे गुरुकुल परिवार की निगरानी में रहता है। यहां हर बच्चे को परिवार समझा जाता है। 

इसलिए आप सभी बहराइच वालों से निवेदन है कि बच्चे को गुरुकुल की शिक्षा दिलवाएं। अगर आप दूर रहते हैं तो school में hostel facility भी available है, आप बच्चे को होस्टल में भी छोड़ सकते हैं। 

इस विद्यालय में admission से संबंधित कुछ भी जानना हो तो मैं नंबर भी शेयर कर रहा हूं आप जानकारी ले सकते हैं।  
8318784824, 8887504120

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